जिन रिपोर्ट्स के लिए मिला रामनाथ गोयनका अवार्ड, जानिए उनमें क्या है खास?

धीरज मिश्रा की रिपोर्ट नियमों का उल्लंघन करते हुए स्टडी टूर पर सांसदों ने ख़र्चे करोड़ों रुपये और सीमी पाशा की अ स्टोरी ऑफ एवरीडे प्रीज्यूडिस अगेन्स्ट इंडियन मुस्लिम्स को रामनाथ गोयनका अवॉर्ड दिया गया है.

द वायर के धीरज मिश्रा को डिजिटल मीडिया में राजनीति और सरकारी श्रेणी के लिए जबकि द वायर के सीमा पाशा को प्रसारण मीडिया के लिए पुरस्कृत किया गया है.

धीरज ने अपनी रिपोर्ट में आरटीआई के माध्यम से सांसदों के द्वारा स्टडी टूर पर करोड़ो रुपए खर्च करने का खुलासा किया था. नियमों के मुताबिक स्टडी टूर के दौरान सांसदों को सरकारी भवन या सरकारी होटल में रुकना होता है साथ ही इनके टूर की संख्या और खर्च की जाने वाली राशि भी सीमित होती है. लेकिन सांसदों ने रुकने के लिए देश के महंगे होटलों की बुकिंग की और महंगा खाना और आने-जाने के लिए बुक किए गए गाड़ियों पर भी भारी राशि खर्च किया है.

इस आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले पांच सालों में करीब 115 स्टडी टूर पर करदाताओं के 15 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च की गई. 

इस रिपोर्ट ने सबका ध्यान खींचा था जिसके बाद लोकसभा सचिवालय ने सभी संसदीय समितियों द्वारा रसद पर किए गए खर्च में तेजी से कटौती करने के निर्देश जारी किए.

पूरी रिपोर्ट पढ़ें –

सीमी पाशा की डॉक्युमेंट्री “अ स्टोरी ऑफ एवरीडे प्रीज्यूडिस अगेन्स्ट इंडियन मुस्लिम्स” में दिसंबर 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) के छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के बाद जामिया नगर के अंदर के जीवन की एक झलक प्रदान की गई है. सीमी पाशा ने ये डॉक्युमेंट्री द वायर के लिए की थी.

इस रिपोर्ट में स्थानीय लोगों ने दावा किया कि न केवल पुलिस बल्कि पड़ोसियों द्वारा भी उन्हें हमेशा संदेह की नजर से देखा गया है. शिक्षकों ने कहा कि वे निर्दोष बच्चों के भविष्य के बारे में चिंतित हैं, युवाओं ने पूछा कि क्या उन्हें “आतंकवादी” के रूप में लेबल किया जाएगा क्योंकि वे जामिया नगर में पढ़ते थे और जामिया नगर में रहते थे, जबकि वरिष्ठ नागरिकों ने अलगाव और भेदभाव की कहानियां साझा कीं.

पूरी डॉक्युमेंट्री देखें –

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