बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन है. आज विधानसभा में वर्ष 2021- 22 के द्वितीय अनुपूरक बजट को पास कराया जाएगा. साथ ही कृषि विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग और सहकारिता विभाग से संबंधित प्रश्न भी उठाए जाएंगे.
आज बिहार विधानसभा में पेश किए जाने वाले वर्ष 2021-22 के द्वितीय अनुपूरक बजट का आकार 20 हजार 531 करोड़ रुपये का है. इसमें 12 हजार 120 करोड़ रुपये योजना या स्कीम मद में, आठ हजार 373 करोड़ रुपये स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय और केंद्रीय क्षेत्र स्कीम मद में 37 करोड़ 47 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. इसमें पांच हजार 347 करोड़ रुपये वार्षिक मद में केंद्रीय प्रायोजित स्कीम के केंद्रांश एवं राज्यांश के लिए निर्धारित किये गये हैं. इस मद में सबसे ज्यादा चार हजार 441 करोड़ रुपये समग्री शिक्षा अभियान योजना के लिए निर्धारित किये गये हैं.
क्या होता है अनुपूरक बजट?
मुख्य रूप से अनुपूरक बजट राज्य सरकार विपरीत परिस्थितियों में ही पेश करती है. यानी जब किसी विभाग को बजट सत्र में आवंटित की गई धनराशि कम पड़ जाती है तो ऐसे में राज्य सरकारें वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले ही अनुपूरक बजट ले आती हैं. सामान्य या वार्षिक बजट पूरे वित्त वर्ष के लिए होता है लेकिन साल के बीच में इस प्रकार के अनुपूरक बजट संवैधानिक परिपाटी है.
पिछले दो दिनों में बिहार विधानसभा में शराबबंदी से लेकर माननीयों के सम्मान पर लगातार सरकार की किरकिरी होती रही है. बीजेपी के विधायकों ने ही मंत्रियों को मुश्किल में डाला है. अभी तक विपक्ष कहीं से भी एकजुट नहीं दिख रहा था. बिहार विधानसभा के हुए उपचुनाव के बाद से कांग्रेस और आरजेडी सदन में भी एक साथ सरकार के खिलाफ खड़े होते नहीं दिखे हैं लेकिन कांग्रेस विधानमंडल दल की दूसरी बार हुई बैठक में अब शेष बचे दो दिन महागठबंधन की एकजुटता की बात कही गई है. ऐसे में देखना है महागठबंधन कितनी एकजुटता से सरकार को घेरता है.