हाल ही में सीजेआई रमण ने आंध्रप्रदेश के अमरावती में बिहार के शराबबंदी कानून का जिक्र करते हुए कहा था कि इस कानून के कारण अदालतों में बहुत सारे जमानत आवेदन दाखिल हो गए है.
अब बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट से फटकार सुननी पड़ी है. नीतीश सरकार ने शराबबंदी कानून के तहत गिरफ्तार किए गए आरोपियों की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पटना हाई कोर्ट के 14 – 15 जज पहले से ऐसे मामलों की सुनवाई कर रहे हैं.
मुख्य न्यायाधीश सीजेआई एनवी रमण की अद्यक्षता वाली बेंच ने बिहार सरकार की इस दलील को खारिज कर दिया कि आरोपी से जब्त की गई शराब की मात्रा के आधार पर तर्कसंगत जमानत आदेश पारित करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार किये जायें.
सीजेआई ने कहा कि “आप जानते है इस कानून ने पटना उच्च न्यायालय के कामकाज को कितना प्रभावित किया है और वहाँ एक मामले को सूचीबद्ध करने में एक साल का समय लग रहा है और सभी अदालतें शराबबंदी मामले में जमानत याचिकाओं से भरे हुए हैं”.
इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के 40 अपीलों को खारिज कर दिया.