अब नहीं होगी मौतें! भारतीय वैज्ञानिकों ने खोज ली मलेरिया की दवाई, एनिमल ट्रायल पूरा

दुनिया के कई हिस्से में हर साल मलेरिया की वजह से हजारों लोग मारे जाते हैं। मच्छर के काटने से फैलने वाले इस वायरल फीवर में ठीक ढंग से इलाज न मिलने से मरीज की मौत तक हो जाती है।

अब एक राहत देने वाली खबर ये है कि भारतीय वैज्ञानिकों ने इसकी दवाई खोज ली है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस दवाई से मलेरिया मरीजों की मौत को कम करने में बड़ी मदद मिल सकती है। फिलहाल इस दवाई का ट्रायल चल रहा है, जहां वैज्ञानिकों ने जानवरों पर इसके ट्रायल को पूरा कर लिया और पॉजिटिव रिजल्ट मिले हैं।

मलेरिया की दवाई पर भुवनेश्वर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज (आईएलएस) के वैज्ञानिकों ने दावा किया कि उन्होंने एंटी-फंगल ड्रग का जानवरों पर सफलतापूर्वक ट्रायल कर लिया है, जो मलेरिया से होने वाली मौतों को कम कर सकता है।

आईएलएस के डॉक्टर विश्वनाथन अरुण नागराज की अगुवाई में वैज्ञानिकों ने कहा कि एंटी फंगल ड्रग Griseofulvin अगर आर्टमिसनिन-बेस्ड कॉम्बिनेशन थेरेपी (एसीटी) के जरिए मरीजों को दिया जाता है, तो इससे मलेरिया से होनी वाली मौतें कम हो सकती है।

ऐसे काम करता है एंटी-फंगल ड्रग

आमतौर पर एसीटी प्लासमोडियम फाल्सिपरुम मलेरिया के मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ट्रायल पूरा करने के बाद वैज्ञानिकों ने कहा कि जानवरों को यह ड्रग दिए जाने और उनके रेड ब्लड सेल्स में इसके घुल जाने के बाद बड़ी मात्रा में हेमोगोलोबिन रिलीज हुआ, यह एक तरह का प्रोटीन है, जो ब्लड में ऑक्सीजन घुलने में मदद करता है।

वैज्ञानिकों ने बताया कि हेमोगोलोबिन डिग्रेडेशन के दौरान ‘heme’ नाम का एक ऑर्गेनिक मॉलिक्यूल रिलीज होता है। अधिक मात्रा में ‘heme’ बनने के बाद वो हेमोजॉइन में बदल जाता है, जो मलेरिया से संक्रमित मरीजों में पाया जाता है और इसकी वजह से इंसान की मौत तक हो जाती है।

एक अन्य वैज्ञानिक ने कहा कि ‘Parasite heme’ को Griseofulvin की मदद से कम किया जाता है जो सेरिब्रल और घातक मलेरिया से सुरक्षा प्रदान करता है।

2022 में मलेरिया से 6 लाख से ज्यादा मौतें

मलेरिया, दुनियाभर में बड़ी ही गंभीर बीमारी है. 2022 में दुनिया में 24 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए और 6.27 लाख मलेरिया मरीजों की मौत हो गई. मलेरिया सबसे ज्यादा पांच साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवति महिला पर अटैक करता है. दुनिया में एक बड़ी चिंता होने के बावजूद मलेरिया को कम करने के लिए कोई ठोस इलाज नहीं है.

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