नरेंद्र मोदी ने हमेशा आदिवासी समुदायों के अमुल्य योगदान, विशेष रुप से देश के स्वतंत्रता संग्राम के लिए उनके अनेक बलिदान पर जोर दिया है. 2016 के स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए भाषण में मोदी ने कहा था कि “सेनानियों की स्मृति में समर्पित संग्रहालयों के निर्माण की परिकल्पना की गई है, ताकि आने वाली पीढ़ियां देश के लिए उनके बलिदान के बारे मे जान सके”.
जनजातियों मामलों में अब तक 10 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों के निर्माण को मंजूरी दी गई है. ये संग्रहालय विभिन्न राज्यों व क्षेत्रों के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की याद में संजोया गया है.
आदिवासी समुदाय मध्य प्रदेश की आबादी का लगभग 22% है. 230 विधानसभा सीटों में से 84 आदिवासी मतदाताओं से काफी प्रभावित हैं, जिनमें 47 सीटें आदिवासी आरक्षित सीटें हैं.
बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान संघ
पीएमओ कि तरफ से बयान आया है कि भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान संघ स्वतंत्र संघ का निर्माण झारखंड सरकार के सहयोग से रांची की पुरानी सेंट्रल जेल में किया गया है. जहां मुंडा ने अपने प्राणों की आहुति दी थी.
पीएमओ के द्वारा बयान में कहा गया कि यह संग्रहालय प्रदर्शित करेंगे कि किस तरह आदिवासियों ने अपने जंगलों, भूमि अधिकारों अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए संघर्ष किया और अपनी वीरता और बलिदान दिखाया जो राष्ट्र निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है- पहला आज भी देश में आदिवासियों के साथ अन्याय, एक पिछड़े वर्ग चाहे प्रधानमंत्री कितने भी अपने भाषणों मे आदिवासियों के गुणगान कर ले, लेकिन असलियत में तो 21वें दसक में भी वो सम्मान और ओहदा समाज में आदिवासियों को नहीं मिला है जिनकी उनहे सबसे ज्यादा जरुरत है.
सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने दो भव्य कार्यक्रमों में भोपाल मध्य प्रदेश में शामिल हुए जिसमें उन्होंने देश का पहला विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन – रानी कमलापति जंक्शन का अनावरण किया और दूसरा आदिवासी आइकन और स्वतंत्रा सेनानी बिरसा मुंडा की जयंति को चिन्हित करने के लिए जनजातिय गौरव दीवस को संबोधित कर रहे हैं.
यह दोनों कार्यक्रम बीजेपी का एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम बताया गया है. अनुसूचित जनजाति वोट वापस जीतने के लिए. पिछले साल के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से भाजपा के पास नहीं आई थी.
प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश में रेलवे की कई पहलों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिसमें गेज परिवर्तित और विद्युतीकृत उज्जैन-फतेहाबाद चंद्रावतीगंज ब्रॉड गेज खंड, भोपाल-बरखेड़ा खंड में तीसरी लाइन, गेज परिवर्तित और विद्युतीकृत मथेला-निमाड़ शामिल हैं. खीरी ब्रॉड गेज खंड और विद्युतीकृत गुना-ग्वालियर खंड.
इस बीच, मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य लोगों सहित कम से कम 350 लोग, जो सोमवार को भोपाल में अपने निर्धारित कार्यक्रमों के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के करीब आएंगे, उनका आरटी-पीसीआर परीक्षण किया जा रहा है, एक अधिकारी ने कहा रविवार को.
रानी कमलापति
भाजपा आदिवासियों के वोट वापस जीतने के लिए इतनी उत्सुक है कि उसने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रख दिया, जो कि एक आदिवासी ही थी.
भाजपा के सूत्रों के अनुसार तीन लाख से अधिक आदिवासी पूरे राज्य से इस जनजातिय गौरव दिवस कार्यक्रम जमवोरे मैदान में शामिल होंगे.
पीएम ने ‘राशन आपके ग्राम’ के नाम से शुरू करने की यह योजना बनाई है जिसमें हर महीने आदिवासी समुदाय के लाभार्थियों को उनके गावों में राशन पहुंचाने के उद्देश्य से ताकि उनहे यात्रा न करनी पड़े.
भाजपा आदिवासी केंद्रित पहलों की एक श्रंखला पर ध्यान केंद्रित कर रही है क्योंकि जोबट-एसटी विधानसभा सीट और आदिवासी बहुत खंडवा लोकसभा सीट उपचुनावों में मिली हालिया सफलता से काफ़ी उत्साहित हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को बीजेपी पर आरोप लगाया कि भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए आदिवासी प्रतिक बिरसा मुंडा और गोंड रानी रानी कमलापति के नामों का इस्तेमाल कर रही है,लेकिन वास्तव में, सत्ताधारी दल के कुछ नेता राज्य में आदिवासी लोगों के खिलाफ. “अत्याचार” कर रहे हैं.
जवाब में एमपी की भाजपा प्रवक्ता नेहा बग्गा ने कहा कि सिंह को भगवा पार्टी पर बेबुनियाद आरोप लगाने के बजाय पन्ना में उनके दामाद द्वारा की गई जमीन पर सफाई देनी चाहिए.
सरकार चाहे कुछ भी बयान दे, लेकिन आदिवासी समुदाय जानती है कि उसे किसकी सबसे ज्यादा जरुरत है और सिर्फ रेल, संग्रहालयों से काम नहीं चलेगा यह बात सरकार को समझनी होगी अगर उन्हे आदिवासियो के वोट बैंक की जरुरत है.