त्रिपुरा हिंसा : 102 सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लगा UAPA का ठप्पा

त्रिपुरा में हाल ही में फैली हिंसा के संबंध में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली सोशल मीडिया पोस्ट पर कार्रवाई करते हुए त्रिपुरा पुलिस ने 102 सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया है.

दर्ज मामला संख्या 181 के अनुसार, 68 ट्विटर खातों, 32 फेसबुक खातों और 2 YouTube खातों के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है. साथ ही ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब को इन लोगों के अकाउंट सीज करने व इनसे जुड़ी तमाम जानकारी देने का नोटिस भी जारी किया है.

जानकारी के मुताबिक़, इन अकाउंट्स से एक धर्म विशेष के खिलाफ सांप्रदायिक झड़पों के संबंध में फर्जी और भड़काऊ पोस्ट किए गए थे. आपको बता दें, बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों के विरोध में त्रिपुरा में प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान कथित तौर पर एक मस्जिद में तोड़फोड़ की गई और कुछ दुकानों में आग लगा दी गई. इसके बाद से सोशल मीडिया पर कुछ कथित घटनाओं को लेकर फर्जी और भड़काऊ पोस्ट शेयर की गई थीं, जिसे त्रिपुरा का बताया गया. इसके बाद से त्रिपुरा में सांप्रदायिक सौहार्द खतरे में आ गया. बीते दिनों राज्य में सांप्रदायिक हिंसा की विभिन्न घटनाओं के सिलसिले में राज्य पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था और नफरत पैदा करने के लिए अफवाहें फैलाने के लिए कई लोगों पर मामला भी दर्ज किया गया था.

बता दें कि ये पहला मामला नहीं है जब किसी राज्य में हुए हिंसा के बाद सोशल मीडिया एकाउंट के खिलाफ कार्रवाई की गई हो. इससे पहले भी कई राज्य में इस तरह की कार्रवाई की जा चुकी है.

त्रिपुरा हिंसा से जुड़े इन 102 सोशल मीडिया अकाउंट यूजर्स पर कारवाई करते हुएआईपीसी की धारा 153ए, 153बी, 469, 471(जालसाजी), 503(आपराधिक धमकी), 504(शांति भंग करना) और 120बी के साथ यूएपीए की धारा 13 के तहत मामला दर्ज कर सोशल मीडिया कंपनियों को नोटिस भेजा गया है. नोटिस में कहा गया है, “इन समाचारों/पोस्ट को प्रकाशित करने में इन व्यक्तियों/संगठनों को कुछ अन्य घटनाओं के फोटो/वीडियो, मनगढ़ंत बयान/टिप्पणी का उपयोग करते हुए धार्मिक समूहों/समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए आपराधिक साजिश में लिप्त पाया गया है. पोस्ट में विभिन्न धार्मिक समुदायों के लोगों के बीच त्रिपुरा राज्य में सांप्रदायिक तनाव भड़काने की क्षमता है, जिसके परिणामस्वरूप आगे भी सांप्रदायिक दंगे हो सकते हैं.”

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