जज से मारपीट कर वर्दीवाले गुंडों ने सटाया रिवाल्वर, हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, अफसरों को जवाब के साथ उपस्थित होने का आदेश

मधुबनी जिला के झंझारपुर में एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के चैम्बर में एक थानेदार और एक दरोगा घुस जाते हैं. उसके बाद कोर्ट में तूफान खड़ा हो जाता है. जो आज़ाद भारत के न्यायालय में पहली घटना हो जाती है. जिसके बाद उच्च न्यायालय द्वारा मौखिक आदेश जारी कर बिहार सरकार के मुख्य सचिव, गृह विभाग के मुख्य सचिव, राज्य के पुलिस महानिदेशक और मधुबनी जिला के पुलिस अधीक्षक को तलब किया जाता है.

घटना

दिन गुरुवार. बिहार के मधुबनी जिले का सिविल कोर्ट. दोपहर 2 बजे थे. कोर्ट का काम अपने उरूज पर था. तभी घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण और सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के चैंबर में घुस जाते हैं. जज साहब और दोनों पुलिस अफसरों के बीच कहासुनी होने लगती है. फिर कहासुनी एक तल्ख बहस अख़्तियार कर लेती है. फिर दोनों पुलिसकर्मी जज साहब को गाली देते हुए मारपीट करने लगते हैं. जज साहब पुलिसकर्मियों के इस व्यवहार का विरोध करते है.

तभी थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण ने जज साहब से कहा कि हम किसी एडीजे-फेडीजे को कुछ नहीं जानते और दोनों पुलिसकर्मी जज साहब पर अपनी सर्विस रिवाल्वर तान देते हैं. जज साहब शोर मचाने लगते है. चैंबर का शोर बाहर पहुँचता है. काम कर रहे कोर्ट कर्मचारी और वकील शोर सुनकर चैंबर में घुस जाते हैं. उसके बाद दोनों पुलिस अफसरों को काबू में कर बंधक बनाकर जज साहब को बचाया और दोनों पुलिसकर्मियों की पिटाई भी कर दी.

घटना के बाद यह खबर आग की तरह देशभर में फैल गयी. गुरुवार शाम हाईकोर्ट इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए दो वरिष्ठ जज- जस्टिस रंजन गुप्ता और जस्टिस मोहित कुमार शाह द्वारा एक मौखिक आदेश जारी किया है. इस मामले की विशेष सुनवाई के लिए 21 नवंबर 2021 को दिन मुकर्रर किया गया है. जिसमें सरकार के मुख्य सचिव, राज्य के गृह विभाग के मुख्य सचिव, राज्य के पुलिस महानिदेशक तथा मधुबनी के पुलिस अधीक्षक को अपने जवाब को सील बंद कर 21 नवंबर को हाईकोर्ट में उपस्थित होने के लिए कहा गया है.

मामला

बताया जाता है कि एडीजे प्रथम अविनाश कुमार ने एक महिला के शिकायत पर घोघरडीहा के थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण को पूछताछ के सिलसिले में बुधवार के दिन कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था. मगर थानाध्यक्ष कोर्ट के आदेश का अवमानना करते हुए उपस्थित नहीं हुए. अगले दिन यानी गुरुवार के दिन थानाध्यक्ष सीधे जज साहब के चेंबर में घुस गए. जज साहब ने पुलिस अफ़सर को फटकार लगानी शुरू कर दी. उसके बाद उपस्थित दोनों पुलिस ऑफिसर जज साहब के जो आगे मार-पीट में और फिर पिस्तौल तक पहुंच गई.

घटना के तुरंत बाद पुलिस अधीक्षक डॉ सत्य प्रकाश और डीएसपी मौके पर पहुंचे. फिलहाल, दोनों पुलिसकर्मियों को कोर्ट परिसर से ही रिमांड पर भेज दिया गया है.

एडीजे प्रथम अविनाश कुमार ने डीएसपी नेहा कुमारी के सामने बयान दर्ज करते हुए एसपी पर भी आरोप लगाया.

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