वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आज देश का आम बजट पेश कर दिया है. इस बार डिजिटल माध्यम से यह बजट पढ़ा गया. निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि इस बजट में विकास को प्रोत्साहन दिया गया है. उन्होंने कहा, “इस बजट से भारत को अगले 25 साल की बुनियाद मिलेगी.” बजट पेश होने के बाद वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बजट के बारे में जानकारी दी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारामण ने पेश किए गए बजट के बारे में बात की. टैक्स स्लैब के बारे में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि आम लोगों पर टैक्स का बोझ ना बढ़ाया जाए. लिहाजा कठिन आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद हमने 02 साल से इनकम टैक्स नहीं बढ़ाया है. उन्होंने आगे कहा, महामारी के बावजूद लगातार 02 सालों से टैक्स का बोझ नहीं बढ़ाया गया है और ये एक बड़ी राहत है. लोगों पर महामारी के बाद नए टैक्स नहीं लगाए गए हैं जबकि विश्व के कई देश ऐसा कर रहे हैं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि 80 लाख सस्ते घरों को देने की योजना के लिए 48,000 करोड़ रुपये का एलोकेशन किया है. इसका बड़ा फायदा गांवों और सब-अर्बन इलाकों पर दिखेगा. इसके अलावा शहरी इलाकों में भी अफोर्डेबल हाउसिंग को सुलभ बनाया जाएगा. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इसका फायदा जरूरतमंद लोगों को मिलेगा. हालांकि एक अन्य बिन्दु पर बात करते हुए उन्होंने माना कि देश में हॉस्पिटेलिटी सेक्टर कठिनाई से जूझ रहा है.
बजट आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि ये बजट 100 साल की भयंकर आपदा के बीच, विकास का नया विश्वास लेकर आया है. ये बजट, अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही सामान्य मानवी के लिए, अनेक नए अवसर बनाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि ये बजट अधिक बुनियादी ढांचा, अधिक निवेश, अधिक विकास और अधिक नौकरियों की नई संभावनाओं से भरा हुआ है. इससे ग्रीन जॉब्स का भी क्षेत्र और खुलेगा.
बजट पर विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस बीच देश भर से बजट पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रकार के विचार लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर प्रकट किए गए. कुछ लोगों का मानना है कि इस बजट से किसी को कोई राहत नहीं मिली और आम जनता टैक्स के बोझ के नीचे दबी हुई है. विपक्षी दलों ने भी बजट को सरकार की नाकामी बताया.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बजट पर निराशा जताई है. राहुल ने बजट को ज़ीरो कहा.
कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने कहा कि इस बजट को गीला पटाखा कहना गलत नहीं होगा. देश में महंगाई को लेकर इतना शोर है लेकिन इसको लेकर कोई बात नहीं कही गई. देश की सीमाओं पर इस समय स्थिति चिंताजनक है और डिफेंस सेक्टर के लिए क्या एलोकेशन है, इसको लेकर कोई साफ बात नहीं कही गई. मनरेगा के आवंटन को लेकर कोई बात नहीं हुई. ये बजट पूरी तरह से निराशाजनक है.
किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार डिजिटल इकोनॉमी की तो बात कर रही है लेकिन ये नहीं बता रही कि किसानों की आय कैसे बढ़ेगी. एमएसपी पर गारंटी कानून बनना चाहिए और सरकार बताए कि वो कितनी खरीद करेगी.