सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की हो रही है अहम बैठक. एसकेएम ने सरकार को भेजे 702 किसानों के नाम.
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से केंद्र सरकार को उन 702 किसानों के नाम भेजे हैं जिनकी मौत किसान आंदोलन के दौरान हुई है. किसान मोर्चा की ओर से मृतक किसानों की सूची शुक्रवार को कृषि सचिव को भेज दी गई है. इसके अलावा आगे के संघर्ष की रणनीति और केंद्र सरकार से बातचीत करने के लिए 5 मेंबरी कमेटी बना दी गई है.
आपको बात दें, बीते दिनों संसद मे चल रहे शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में लिखित जवाब में कहा था, मंत्रालय के पास किसान आंदोलन की वजह से किसी किसान की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है. ऐसे में मृतक किसानों को वित्तीय सहायता देने का कोई सवाल ही नहीं उठता. जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 702 आंदोलन के दौरान हुई किसानों की मृत्यु की सूची जारी कर सरकार को भेजी है.
आज सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक हो रही है. आज की जारी बैठक में इस मुद्दे पर बात हो रही है कि आंदोलन को खत्म किया जाए या इसे आगे बढ़ा दिया जाए. बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि “हमने कृषि सचिव को 702 शहीद किसानों की लिस्ट मेल की है.” दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को शहीद का दर्जा देने और मुआवजे की मांग कर रहा है. बैठक में एमएसपी, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को पद से हटाने की मांग, किसानों पर मुकदमें को वापस लेना और किसानों का मुआवज़ा देने के मुद्दे शामिल हैं.
इससे पहले इसी मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा था कि सरकार का कहना है कि हमारे कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है. हमारे पास 503 किसानों का आंकड़ा है. सरकार चाहे तो हमसे लिस्ट ले सकती है. आज कि बैठक के बाद अब संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक 7 दिसंबर को होगी. आज कि बैठक में राकेश टिकैत की ओर से फिर दोहराया गया कि आंदोलन फिलहाल खत्म नहीं होगा. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम कहीं नहीं जा रहे हैं.
इसके अलावा आगे के संघर्ष की रणनीति और केंद्र सरकार से बातचीत करने के लिए 5 मेंबरी कमेटी बना दी गई है. जिसमें बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम चढ़ूनी, युद्धवीर सिंह, शिवकुमार कक्का, अशोक धावले शामिल हैं. राकेश टिकैत ने कहा कि SKM ने तय किया है कि 5 मेंबरी कमेटी भारत सरकार से बात करेगी.