यूपी: विकास, बेरोजगारी और स्थानीय मुद्दों के बजाए पाकिस्तान व जिन्ना चुनावी मुद्दा

उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर चुनावी बाजार गरमाया हुआ है. विकास, बेरोजगारी और स्थानीय मुद्दों के बजाए पाकिस्तान व जिन्ना का नाम ज्यादा छाया हुआ है. भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी लगातार एक-दूसरे को निशाने पर लिए हुए है. एड़ी चोटी जोर लगा कर दोनों पार्टी वोटों के अपने पक्ष में ध्रुवीकरण कराने की कोशिश किए जा रहे हैं. ऐसे में बार-बार जिन्ना और पाकिस्तान का नाम यूपी में गूंजना चुनावी स्तर को दर्शाता है.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार विरोधियों पर हमलावर हैं. वो ट्वीट करके विरोधी दलों को आड़े हाथों ले रहे हैं. शुक्रवार को योगी ने विपक्ष पर हमला करते हुए ट्वीट कर कहा कि वो जिन्ना के उपासक हैं, उनको पाकिस्तान प्यारा है.

बीते दिनों सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मुहम्मद अली जिन्ना को सरदार बल्लभ भाई पटेल और महात्मा गांधी जैसा महापुरुष बताया था. इसके बाद एक और इंटरव्यू में अखिलेश ने पाकिस्तान को छोटा दुश्मन और चीन को बड़ा दुश्मन बताया था. इसके बाद से भाजपा ने अखिलेश यादव पर अपने हमले तेज कर दिए. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संबित पात्रा ने अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि अखिलेश को पाकिस्तान भारत का दुशमन नहीं लगता. लगना भी नहीं चाहिए क्योंकि जिसे जिन्ना से प्रेम हो वह पाकिस्तान से प्रेम को कैसे इनकार कर सकता है.

पात्रा के जवाब में अखिलेश ने कहा कि शहीद हुए सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने भी पाकिस्तान के बजाए चीन को नंबर एक दुश्मन कहा था. वहीं शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शाहजहांपुर में विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि जनता आतंकियों और जिन्ना के हिमायती को सबक सिखाएगी.

वही इस गरमा-गरमी के बीच बसपा प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी. भाजपा और सपा पर हमला करते हुए मायावती ने कहा कि पार्टियां चुनाव को हिंदू-मुस्लिम व जातीय नफरती रंग देना चाहती हैं. जनता सतर्क रहे. उन्होंने आरोप लगाया कि सपा-भाजपा की मिलीभगत से धर्म व जाति की राजनीति हावी है.

बीते गणतंत्र दिवस के मौके पर आंध्र प्रदेश में भी जिन्ना का नाम छाया रहा था. आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में एक इमारत का नाम जिन्ना के नाम पर है जिसे जिन्ना टावर कहा जाता है. गणतंत्र दिवस पर हिंदू वाहिनी के लोगों ने इस जगह तिरंगा लहराने की जिद पकड़ ली. इसके बाद मामले ने काफी तूल पकड़ा. राज्य की बीजेपी ने इस टॉवर का नाम बदलने की मांग भी की है.

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