देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है. इन सभी राज्यों में चुनाव की सरगर्मियाँ तेज हो गई है. लेकिन उत्तर प्रदेश में अलग ही माहौल है. इस बार राज्य में योगी, अखिलेश और मायावती के साथ कांग्रेस की भी प्रमुख उम्मीदवारी है.
सभी नेता अपने-अपने माध्यमों से मीडिया में बने रहने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य बीबीसी को एक इंटरव्यू दे रहे थे. बीबीसी के रिपोर्टर अनंत झणाणे ने जब हरिद्वार में हुए धर्म संसद के नाम पर हुए नफरत फैलाने वाली घटना पर सवाल किया तो वे बौखला गए.
उन्होंने कहा ये चुनाव से जुड़े मुद्दे नहीं है. इतना ही नहीं उन्होंने बीबीसी के रिपोर्टर को कहा कि आप पत्रकार की तरह बात नहीं कर रहे किसी एजेंट की तरह बात कर रहे हैं. उन्होंने कैमरा बंद करने को कहा.
बीबीसी के मुताबिक कैमरा बंद होने के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने रिपोर्टर का मास्क खींचा. उसके बाद अपने सुरक्षाकर्मियों को कह कर कैमरे से वीडियो को डिलीट करवाया. जब उनके सुरक्षाकर्मियों को ये तसल्ली हो गई कि वीडियो डिलीट हो चुकी है तब उन्हें जाने दिया.
बीबीसी ने किसी तरह उस डिलीट किये हुए वीडियो को कैमरे के चिप से रिकवर कर लिया और उसे बिना किसी एडिटिंग यानी बिना किसी कांट-छांट के रिलीज कर दिया. जिसे आप यहां देख सकते हैं.
मोदी भी कर चुके है ऐसा
ज्ञात रहे कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब कोई बड़ा नेता कड़े सवालों का जवाब देने की बजाय इंटरव्यू को ही बीच में छोड़ दिया हो.
2007 में लेखक और एंकर करण थापर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू कर रहे थे. तब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे. जैसे ही करण थापर ने उनसे मुसलमानों के कत्ल से जुड़ा सवाल पूछा तो वे बीच इंटरव्यू से ही उठ कर जाने लगे.
उस इंटरव्यू से जुड़े सभी पहलुओं को खुद करण थापर से इस वीडियो में जान सकते हैं.