शुक्रवार को बीजेपी छोड़ने वाले दो बड़े मंत्रियों के सपा में शामिल होने के अवसर पर सपा कार्यालय पर बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठी हुई थी. इस मामले में अब चुनाव आयोग ने गौतम पल्ली पुलिस स्टेशन के एसएचओ को निलंबित कर दिया है. इस संबंध में 2500 अज्ञात समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई है. ज्ञात रहे कि चुनाव आयोग ने कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण राजनीतिक रैलियों पर रोक लगा रखा है.

यूपी के मुख्य चुनाव अधिकारी के हवाले से इंडिया टीवी ने लिखा है कि आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में लखनऊ के जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए गौतम पल्ली थाना प्रभारी दिनेश सिंह बिष्ट को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश जारी किये गये हैं. इसके अलावा, आयोग ने एसीपी (लखनऊ) अखिलेश सिंह और अतिरिक्त सिटी मजिस्ट्रेट (प्रथम) गोविंद मौर्य से शनिवार सुबह 11 बजे तक स्पष्टीकरण मांगा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार कोविड से संबंधित मानदंडों पर भारी भीड़ के बाद, कोविड के मानदंडों का उल्लंघन करते हुए, सपा कार्यालय में इकट्ठा होने के बाद मामला दर्ज किया गया है.
पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्म सिंह सैनी, पांच भाजपा विधायकों समेत समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की उपस्थिति में सपा में शामिल हो गए.
गौतम पल्ली पुलिस स्टेशन में 2,000 से 2,500 अज्ञात सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ पार्टी कार्यालय में कोविड मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है. सब इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (निर्देशों का उल्लंघन), 269 (बीमारी का संक्रमण फैलाना), 270 (संक्रमण फैलाकर दूसरों की जान जोखिम में डालना) और 341 (गलत तरीके से संयम बरतना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. प्राथमिकी में आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी रोग अधिनियम के तहत भी आरोप हैं.
सब-इंस्पेक्टर ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि 2,000 से 2,500 सपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी मुख्यालय के आसपास बेतरतीब ढंग से वाहन पार्क करके सड़क को अवरुद्ध कर दिया और अवैध रूप से सभा का आयोजन किया. शिकायत में यह भी कहा गया कि सपा कार्यकर्ताओं को लाउडस्पीकर से भीड़ हटाने और वाहनों को हटाने के लिए कहा गया लेकिन कोई असर नहीं हुआ. सिंह ने चुनाव आचार संहिता और कोविड मानदंडों के उल्लंघन का आरोप लगाया.

चुनाव आयोग ने कोविड के मामलों में ताजा उछाल का हवाला देते हुए, पांच मतदान वाले राज्यों में 15 जनवरी तक सार्वजनिक रैलियों, रोड शो और कॉर्नर मीटिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है और कड़े सुरक्षा दिशानिर्देश जारी किए हैं. आयोग ने चुनाव प्रचार के लिए 16-सूत्रीय दिशानिर्देशों को सूचीबद्ध किया क्योंकि इसने सार्वजनिक सड़कों और गोल चक्करों पर ‘नुक्कड़ सभाओं’ (कोने की बैठकों) पर प्रतिबंध लगा दिया, डोर-टू-डोर अभियान के लिए उम्मीदवारों की संख्या को पांच तक सीमित कर दिया और प्रतिबंधित कर दिया. मतगणना के बाद विजय जुलूस राजधानी लखनऊ और उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी कोरोनावायरस के मामलों में तेजी देखी जा रही है.