महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने शनिवार को आरोप लगाया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने ड्रग्स के सेवन और बिक्री में उनकी कथित संलिप्तता का हवाला देकर आतंक पैदा करने और निर्दोष लोगों को परेशान करने के लिए एक निजी सेना तैयार किया है.
मलिक ने आगे कहा, “हमारे पास विशेष जानकारी है कि वानखेड़े ने सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के बजाय निर्दोष लोगों पर छापेमारी करने के लिए एक निजी सेना का मसौदा तैयार किया है. हम वानखेड़े के खिलाफ एनसीबी के महानिदेशक को ठोस सबूत सौंपेंगे”
नवाब मलिक के अनुसार अब तक यह साबित हो चुका है कि दो गवाह किरण गोसावी और मनीष भानुशाली फर्जी हैं, जबकि एनसीबी ने दो गवाहों प्रभाकर सेल और शेखर कांबले के हस्ताक्षर सादे कागजों पर लिए ,थे. उन्होंने कहा कि एक और गवाह, फ्लेचर पटेल, चार मामलों में गवाह था. मलिक ने आरोप लगाया, “हमारी जानकारी यह है कि ये गवाह एनसीबी अधिकारियों द्वारा निर्धारित ठिकानों के आवासों पर ड्रग्स का सेवन कर रहे हैं.”