पंजाब चुनाव में क्या हावी?

पंजाब में 20 फरवरी को चुनाव है. कॉंग्रेस द्वारा चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद से सूबे की राजनीति ने नया मोड़ ले लिया है. कॉंग्रेस की दलित पॉलिटिक्स ने राज्य के आम  मुद्दों को कितना प्रभावित किया है, इसका फैसला 10 मार्च को ही होगा. राहुल गांधी ने कहा कि पंजाब में शांति कि जरूरत है. दूसरे दल भी अलग-अलग मुद्दों को लेकर मैदान में हैं.

कॉंग्रेस ने चरणजीत जीत सिंह चन्नी पर दांव लगाया है. आम आदमी पार्टी ने भगवंत मन को cm फेस घोषित किया है. अकाली दल, भाजपा और अमरिंदर सिंह भी रेस में हैं. साथ ही यह सवाल भी है कि किसान आंदोलन कि जीत पंजाब में क्या बदलाव लेकर आएगी?

पंजाब में खेती-किसानी, शिक्षा, रोजगार, नशा इन मुद्दों पर वोटिंग होगी या उसमें जाति, दलित जैसे मुद्दे हावी रहेंगे. क्या राहुल गांधी ने चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर देश में दलित-पिछड़ा और अमीर –गरीब की नई राजनीति शुरू की है? या 5 राज्यों में हो रहे चुनाव को देखकर ऐसा किया गया है. और देश में चल रहे हिजाब विवाद का पंजाब चनाव पर क्या असर पड़ेगा? सवाल तो इतने सारे हैं कि खत्म ही ना हो. अब यह सवाल भी है कि अमरिंदर सिंह और सिद्धू चुनाव पर कितना असर डालेंगे. 

हाल ही में पंजाब-हरियाणा के किसानों ने सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई में जीत हासिल की है. किसानों की इस जीत का पंजाब चुनाव पर क्या असर पड़ेगा यह भी बड़ा सवाल है. 

पंजाब विधानसभा चुनाव प्रचार का शुक्रवार को आखिरी दिन है. बीजेपी गठबंधन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन रैलियां कर चुके हैं. राहुल गांधी भी लगातार रैलियाँ कर रहे हैं. राजनाथ सिंह पटियाला में कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए चुनाव प्रचार करेंगे. अरविंद केजरीवाल ने भी पिछले एक हफ्ते से पंजाब में डेरा डाला हुआ है.

जुबानी जंग जारी है. रणजीत सिंह चन्नी ने रोपड़ में चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि, ‘यूपी, बिहार और दिल्ली वालों को यहां में राज नहीं करने देंगे और न ही पंजाब में फटकने देंगे. इस बयान के बाद भी सियासत गर्म है.

आज तक में छपी खबर के अनुसार चंडीगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार संजय गर्ग कहते हैं कि पंजाब की लड़ाई चेहरों के इर्द-गिर्द सिमट रही है. कांग्रेस का सीएम चेहरा चरणजीत सिंह चन्नी हैं, जो दलित समुदाय से आते हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी ने सीएम चेहरा भगवंत मान को घोषित किया है, जो जट्ट सिख है. पंजाब की सियासत में जट्ट सिख का ही कब्जा रहा है. ऐसे में पंजाब का चुनाव चन्नी बनाम भगवंत मान होता है तो जट्ट सिख वोटरों का झुकाव आम आदमी पार्टी की तरफ हो सकता है. यही वजह है कि सीएम चन्नी और कांग्रेस की कोशिश पंजाब चुनाव को चन्नी बनाम केजरीवाल के इर्द-गिर्द रखने में जुटे हैं. 

अब सवाल यह है कि चेहरों में फांसी पंजाब कि राजनीति 20  फरवरी को किस तरफ तय होती है यह 10  मार्च को ही पता चलेगा.

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