बिहार में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले दोनों लहरों की तुलना में इस बार संक्रमण दर कहीं अधिक है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राजधानी पटना में संक्रमण दर 20.65 प्रतिशत तक पहुंच गई है.
2021 के अंतिम दिनों से ही कोरोना के मामलों में अचानक से उछाल आना शुरू हो गया था. ऐसे में एक बार उन सभी कार्यक्रमों की चर्चा होनी चाहिए जो राज्य में हजारों की भीड़ के साथ बड़े नेताओं की उपस्थिति में हो रहे थे.
मांझी का दलित-ब्राह्मण महाभोज
27 दिसंबर को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपने आवास पर दलित-ब्राह्मण महाभोज का आयोजन किया था. इसके पहले ब्राह्मणों से संबंधित उनके बयान ने बिहार में हाई वोल्टेज ड्रामा बनाये रखा.
इस आयोजन की कवरेज में क्षेत्रीय मीडिया से लेकर राष्ट्रीय मीडिया तक ने रुचि दिखाई थी. जिसके कारण यहां हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ जुटी. इस भीड़ में नेताओं के साथ ब्राह्मण, दलित और पत्रकारों की संख्या भी थी.

देखिये: माँझी के दलित-ब्राह्मण महाभोज में क्या हुआ?
3 जनवरी को जीतन राम मांझी, उनकी पत्नी और उनकी बेटी कोरोना संक्रमित पाए गए. उनके पीए और बॉडीगार्ड भी कोरोना संक्रमित पाए गए. जाहिर है भोज में मांझी ने अपने हाथों से परोस कर खाना खिलाया था. यहां से बहुत बड़ी संख्या में संक्रमण का अंदाजा लगाया जा सकता है.
नीतीश कुमार का डॉक्टरों के साथ कार्यक्रम
28 दिसंबर को पटना के बापू सभागार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चार से पांच हजार डॉक्टरों के बीच इंडियन मेडिकल एसोसियशन के कार्यक्रम का उद्घाटन किया था. जहां मुख्यमंत्री एवं अन्य डॉक्टरों को बिना मास्क के देखा जा सकता था.
2 जनवरी को लाइव हिंदुस्तान में छपी खबर के अनुसार इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले 17 डॉक्टर कोरोना संक्रमित पाए गए.
सबसे ज्यादा असर हुआ एनएमसीएच पर, यहां 200 से ज्यादा डॉक्टर कोरोना संक्रमित पाए गए.
मुख्यमंत्री का समाज-सुधार यात्रा
जब बिहार में कोरोना के मामले तीन अंको से बढ़कर चौथे अंक की तरफ तेजी से बढ़ रहे था, तब नीतीश कुमार और उनकी पार्टी हरेक जिलों में लाखों की भीड़ जुटाने का प्रयास कर रहे थे.
22 दिसंबर से 15 जनवरी तक के लिए मुख्यमंत्री की समाज-सुधार यात्रा सुनिश्चित की गई थी. जिसे 4 जनवरी को स्थगित किया गया.
जाहिर है 4 जनवरी के पहले मुख्यमंत्री बड़े स्तर पर इस अभियान में भाग ले चुके थे. जिलों में लाखों की संख्या में भीड़ जुटाई गई जहां मास्क और सामाजिक दूरी दूर-दूर तक नदारद थी.
5 जनवरी को नीतीश कुमार के आवास के 22 फीसदी कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए. इसके पहले राज्य के 4 मंत्री भी कोरोना संक्रमित हो गए थे. 10 जनवरी को खुद मुख्यमंत्री भी कोरोना पॉजिटिव हो गए.
तारकिशोर प्रसाद ने किया खादी मेला का उद्घाटन
मुज़फ्फरपुर के बीबी कॉलेजियेट में 3 जनवरी को उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने खादी मेला का उद्घाटन किया था.

इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री के साथ उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन और कई क्षेत्रीय नेताओं ने भाग लिया था. और उम्मीद के मुताबिक अधिकतर ने मास्क और सामाजिक दूरी से दूरी बना रखी थी.
नतीजतन 5 जनवरी को तारकिशोर प्रसाद के कोरोना संक्रमित होने की खबर आई. इस कर्यक्रम में भाग लेने वाले कई क्षेत्रीय नेता भी संक्रमित पाए गए.