बिहार नगरपालिका अध्यादेश 2022 में संशोधन से चुनाव पर क्या असर होगा?

बिहार नगरपालिका अध्यादेश 2022 में संशोधन से नगरपालिका कानून की दो धाराओं 23(1) और 25 में बदलाव किया गया है. इसके पहले 23(1) में पार्षद बहुमत से मेयर और डिप्टी मेयर चुनते थे. इस संशोधन के बाद ये जिम्मेवारी सीधे जनता के हाथों में होगी.

ज्ञात रहे कि बिहार में अप्रैल-मई में होने वाले शहरी निकाय चुनाव में नगर निगमों के मेयर व डिप्टी मेयर और नगर परिषदों व नगर पंचायतों के मुख्य पार्षद-उप मुख्य पार्षद का चुनाव होना है.

इस चुनाव के ठीक पहले राजभवन ने एक अध्यादेश जारी किया है. जिसे बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश-2022 कहा जायेगा. 15 वर्ष के बाद बिहार नगरपालिका कानून में संशोधन किया गया है. संशोधित कानून बिहार के सभी 263 नगर निकायों पर लागू होगा.

एक निजी चैनल से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने इस संशोधन की पुष्टि करते हुए कहा कि इससे पार्षदों की खरीद-फरोख्त भी कम होगी.

क्या हुआ बदलाव?

ज्ञात रहे कि इसके पहले शहरी निकाय चुनाव में जीते हुए पार्षद मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव करते थे. इस प्रक्रिया में पार्षदों की खरीद-फरोख्त की संभावना काफी अधिक होती है.

अब संशोधन के तहत राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा होने वाले चुनाव के माध्यम से मतदाता मुख्य पार्षद से लेकर मेयर तक को चुनेगे.

मेयर और डिप्टी मेयर निर्वाचन के बाद गोपनीयता की शपथ लेकर तुरंत कार्यभार ग्रहण करेंगे. मृत्यु, पदत्याग, बर्खास्तगी या अन्य कारणों से इस पद पर रिक्त होने पर इसी पक्रिया के तहत दोबारा निर्वाचन होगा और चुने गये मेयर-डिप्टी मेयर अपना बचा हुआ कार्यकाल पूरा करेंगे.

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