कोरोना के नए वैरिएंट “ओमिक्रॉन” को WHO ने घोषित किया “वैरिएंट ऑफ कंसर्न”

दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए अवतार ने दुनिया भर में तहलका मज़ा दिया है. कोरोना के इस नए वैरिएंट “ओमिक्रॉन” की वजह से पिछले एक सप्ताह में ही दक्षिण अफ्रीका में 200% से ज्यादा केसेस बढ़ गए हैं. ज्यादातर देशों ने दक्षिण अफ्रीका से अपने यातायात संपर्क बंद कर दिए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने खतरे को भांपते हुए इस ओमिक्रॉन को ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ की कैटेगरी में रखा है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रॉन कोविड वैरिएंट को लेकर सभी देशों को सतर्क रहने को कहा है.बता दें कि यह वैरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस नए वैरिएंट में कई म्यूटेशन हो सकते हैं. म्यूटेट होने का मतलब है कि वायरस के जेनेटिक मटेरियल में बदलाव होना. वहीं दूसरी ओर फाइजर एंड बायोटेक, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन और एस्ट्राजेनेका सहित प्रमुख वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों ने शुक्रवार को कहा कि वे अपने शॉट्स को वायरस के एक नए और अत्यधिक तेज म्यूटेंट स्ट्रेन के प्रति प्रभावशाली होने के बारे में जांच का काम कर रहे हैं.

क्या होता है ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ ?


आपको बता दें जब किसी नए वैरिएंट की पहचान होती है तो उस वैरिएंट को और ज्यादा जानने-समझने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन इसकी निगरानी करता है. निगरानी करने के लिए वायरस को वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट की कैटेगरी में डाला जाता है. अगर वायरस की स्टडी में पाया जाता है कि वैरिएंट तेजी से फैल रहा है और बहुत संक्रामक है तो उसे ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ की कैटेगरी में डाल दिया जाता है.

इधर भारत में कोरोना वायरस के इस वेरिएंट की रोकथाम के लिए राज्यों ने पहले से तैयारी शुरू कर दी है. दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक औऱ उत्तराखंड समेत विभिन्न प्रदेशों की सरकारों ने इस बारे में जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं. वहीं ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा पाबंदियों में छूट दिए जाने की योजना पर फिर समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं.

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