कृषि कानून के मामले मे आखिर क्यों असफल रही मोदी सरकार!

शुक्रवार की सुबह गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया. प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से माफी मांगते हुए कहा कि हम अपनी बात किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. इस वजह से सरकार इन कानूनों को रद्द करने का फैसला करती है. इस महीने के अंत में संसद के दोनों सत्रों में इन कानूनों को रद्द करने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. तो अब सवाल यह उठता है कि आखिर मोदी सरकार किसानों को समझने में असफल क्यों रही? क्यों मोदी सरकार कृषि कानूनों को किसानों के हित में बताने के बावजूद वापस लेने को मजबूर हो गई ?

आपको बात दें, लोकसभा के मानसून सत्र में 17 सितंबर 2020 को कृषि और किसान से जुड़े तीन बिल पारित हुए थे. इन तीन बिलों के पारित होते ही राजनीति गरमा गई. किसान इन कानूनों के विरोध में आंदोलन पर उतार आए. किसानों ने इन कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए वापस लेना की मांग की. जिन तीन बिलों का विरोध किसानों द्वारा किया जा रहा था वो हैं : किसान कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020.

किसानों को इन कानूनों से एपीएमसी मंडियां खत्म होने की आशंका है. साथ ही यह भी डर है कि नए कानून के बाद एमएसपी पर फसलों की खरीद सरकार बंद कर देगी. क्योंकि कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य विधेयक 2020 में इस संबंध में कोई व्याख्या नहीं है कि मंडी के बाहर जो खरीद होगी वह न्यूनतम समर्थन मूल्य-एमएसपी से नीचे के भाव पर नहीं होगी. इन वजहों से किसान इसे किसान विरोधी बताते हुए रद्द करने की मांग पिछले एक साल से करते या रहे हैं. इस बीच किसानों के प्रदर्शन को बढ़ता हुए देख सरकार की तरफ से बातचीत की पेशकश भी की गई. किसान और सरकार के बीच कई मीटिंग भी हुई. लेकिन किसान तीनों कानूनों को वापस लेने कि अपनी मांग पर अड़े रहे. जिस वजह से सरकार और किसान के बीच यह मामला पिछले साल भर से ज्यादा समय से अटक रहा.

वहीं अब कानून पास होने के ठीक एक साल बाद राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी नाकामी को स्वीकारते हुए किसानों और सम्पूर्ण देशवासियों से माफी मांगते हुए तीनों कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं देशवासियों से माफी माँगता हूँ. हम अपनी बात कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरु नानक जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर मैं पूरे देश को यह बताने आया हूँ कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया है. हम इन कानूनों को रद्द करने की संवैधानिक प्रक्रिया जल्द शुरू करेंगे. पीएम ने किसानों से अनुरोध किया कि अब आप अपने घर लौटें, अपने खेत लौटें, आइए नई शुरुआत करते हैं.

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