बलिया के रास्ते ‘वीआईपी’ एंट्री लेने वाली ‘नाव’ लखनऊ तक जा पाएगी?

मंच से उठकर बागी बन जाने वाले मुकेश सहनी के वीआईपी ने बिहार के सटे ‘बागी’ बलिया में गज़ब का दांव खेला है. भाजपा के दो बागी नेताओं समेत बलिया की कुल सात में से पांच विधानसभाओं पर मुकेश सहनी ने उम्मीदवार उतारे हैं. उधर उत्तर प्रदेश में सक्रिय डॉ. संजय निषाद के निषाद पार्टी ने भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया है. फिलहाल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने उत्तरप्रदेश चिन्हित 165 विधानसभाओं में से पूर्वांचल की 76 विधानसभाओं में अपना उम्मीदवार उतारने पर विचार करेगी. ये बातें पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने बीते दिनों मीडिया को बताईं थी. फिलहाल बलिया के पांच सीटों पर लड़ रहे प्रत्याशियों के ब्योरे से पूर्व जान लेते हैं कि वीआईपी है कौन?

कौन है नाव छाप वाले वीआईपी

नवंबर, 2018 में बनी वीआईपी के मुखिया मुकेश सहनी बॉलीवुड के नामी सेट डिजाइनर माने जाते हैं. बजरंगी भाईजान समेत कई हिट फिल्मों के सेट डिजाइनिंग के बाद 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में मुकेश सहनी ने भाजपा के लिए प्रचार किया फिर पार्टी बना ली. अपने पहले चुनाव, 2019 में बिहार लोकसभा की तीन सीटों मुजफ्फरपुर, खगड़िया और मधुबनी से चुनाव लड़ने वाली वीआईपी का खाता नहीं खुला. लेकिन इन्होंने विधानसभा में बड़ा बदलाव कर दिया. वीआईपी पहले तो महागठबंधन के साथ जुड़ी लेकिन राष्ट्रीय जनता दल द्वारा अपने छोटे सहयोगियों को महत्व नहीं देने का आरोप लगाते हुए मुकेश सहनी गठबंधन से बाहर हो गए. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने उनका स्वागत किया, और उन्हें बिहार में चुनाव लड़ने के लिए कुल 11 सीटें दी गईं. इसमें पार्टी सफल रही. वीआईपी ने कुल चार सीटों पर जीत हसिल की हालांकि सहनी खुद चुनाव हार गए.

भागमनी देवी
सिकंदरपुर विधानसभा


वीआईपी ने सिंकदरपुर से भागमनी साहनी को उम्मीदवार बनाया है. भागमनी साहनी पहली बार चुनाव लड़ रही हैं. इससे पहले भागीदारी संकल्प मोर्चा के घटक दल जनता उन्नति दल के महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकीं भागमनी, देवरिया के धरहरा की रहने वाली हैं. हमसे बातचीत में उन्होंने बताया कि वह अपने परिवार की पहली महिला हैं जो राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं. उन्होंने कहा, ’मैं पहली बार चुनाव लड़ रही हूं, और इससे पहले भी सक्रिय रही हूं.’

जितेंद्र तिवारी
बलिया सदर

जितेंद्र तिवारी भाजपा के बागी नेता हैं और भाजपा से टिकट के दावेदार थे. आखिरी समय तक इंतजार करते रहने के बाद उन्होंने निर्दल चुनाव लड़ने का फैसला किया और फिर कुछ समय बाद वीआईपी के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन कर दिया. जितेंद्र तिवारी पुराने भाजपा नेता हैं. 2002 में कल्याण सिंह के क्रांति दल से सदर विधानसभा के उम्मीदवार रहे। भाजपा के किसान प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी का हिस्सा रहे जितेंद्र तिवारी फिलहाल भाजपा के बहुप्रतिक्षित प्रोजेक्ट नमामि गंगे के गोरक्ष प्रांत संयोजक हैं. इत्तेफाक देखें कि उनको टिकट भी उस राजनीतिक दल से मिला है जो नाविक समुदाय की नुमाइंदगी का दंभ भरता है. जितेंद्र तिवारी ने हमसे बातचीत में कहा, ‘वीआईपी ने मुझपर भरोसा जताया है इसका धन्यवाद बाकी अगर पार्टी अच्छा काम करेगी तो क्षेत्र में इसको आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा.’

सुरेंद्र सिंह
बैरिया विधानसभा

सुरेंद्र सिंह, प्रदेश के कुछ चर्चित भाजपा विधायकों में से एक थे. उन्होंने विधायक रहते बड़बोलेपन में विभिन्न राजनीतिक दल और नेताओं पर कई ऐसी टिप्पणीयां की जो अपमानजनक रहीं. योगी आदित्यनाथ को पीएम बनाने की बात कहते रहने वाले सुरेंद्र सिंह का टिकट काट कर वहां से सदर विधायक आनंद स्वरुप शुक्ल को टिकट दे दिया है. यह खबर आते ही श्री सिंह ने निर्दल चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. लखनऊ से लौटे सुरेंद्र सिंह के साथ क्षेत्र में इतनी भीड़ उमड़ गई कि चुनाव आयोग ने मुकदमा दर्ज कर लिया. निर्दल चुनाव लड़ने के ऐलान के दौरान शीर्ष नेतृत्व पर आरोप लगाते हुए सुरेंद्र सिंह ने कहा, ’मोदी योगी का पैर छूकर राजनीति नहीं कर सकता’

उसके बाद कुछ देर में उन्होंने फेसबुक के माध्यम से अपडेट किया कि,

‘VIP (विकासशील इंसान पार्टी) ने हमारी भावनाओ का ख्याल रखते हुए अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह नाव पर चुनाव लड़ने का आग्रह किया. हमने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए उनके चुनाव चिन्ह #नाव पर चुनाव लड़ने का फैसला किया.’

अजय शंकर पांडेय ‘कनक’
बांसडीह विधानसभा

अजय शंकर पांडेय बांसडीह से सक्रीय राजनीति में रहे हैं. बीते दो बार से श्री पांडेय के परिवार से उनकी भाभी नगर पंचायत रेवती की चेयरमैन रहीं. हमने कुछ स्थानीयों से बात की. दबी जुबान से स्थानीय बताते हैं कि कनक पांडेय के नेतृत्व में होने वाले चुनाव में वो ‘दिल खोल कर खर्चा करते हैं’. पहले बसपा में रहे कनक पांडेय बीते कुछ वर्षों से भाजपा में सक्रिय थे और टिकट के दावेदारी में थे. फिलहाल नाव चुनाव निशान के साथ मैदान में हैं.

विवेक सिंह कौैशिक
फेफना विधानसभा

विवेक सिंह कौशिक बीते कुछ वर्षों से चर्चा में रहे हैं. कुछ समय पूर्व दरोगा के साथ बदसलूकी इत्यादि के लिए जेल भी गए. सतीश चंद्र कॉलेज से छात्र राजनीति में सक्रिय विवेक सिंह कौशिक अपने वीडियोज़, बयानों और भाषणों में बेहद आक्रामक नज़र आते हैं.

सोशल मीडिया पर टिकट मिलने की सूचना देते हुए विवेक सिंह कौशिक ने मुकेश साहनी को गुलदस्ता देते हुए लिखा,

‘विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंत्री श्री मुकेश सहनी जी मंत्री बिहार सरकार व प्रदेश उपाध्यक्ष श्री राजाराम बिंद जी के आशीर्वाद से फेफना विधानसभा के प्रत्याशी के रूप में…’

फिलहाल ‘वीआईपी’ की एंट्री एकदम वीआईपी है. चर्चित चेहरों को चुनाव लड़ाने वाली वीआपी का हाल अब आगे क्या होगा देखने वाली बात होगी. लेकिन पूर्वांचल में इस कदम की चर्चा लोगबाग दबी जुबान करने लगे हैं. वोट पाने के लिए आश्वस्त दिख रही वीआईपी की स्थिति क्या होनी है यह जल्द ही तय हो जाएगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *