राजकुमारी माको के राजशाही छोड़ने के साथ हीं यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या जापान कि महिलाओं को अपनी आजादी चुनने का अधिकार है?
जब राजकुमारी माको ने एक समान्य नागरिक “केई कोमुरो” जो कि किसी भी राजघराने से ताल्लुक नहीं रखते हैं, उनकी ऐसे इंसान से शादी करने की बात दुनिया के सामने आई तब जापान के लोगों के बीच इस बात को लेकर अनेक चर्चाएं और कई लोग ने कइ तरह की टिप्पणीयां भी की, हालांकि माको और कोमुरो ने 2017 में ही सगाई तय कर ली थी. शादी की घोषणा के साथ कई सवाल भी उठाए गए, क्योंकि जापानी सभ्यता में कोई भी राजकुमारी अगर एक समान्य नागरिक से विवाह करती हैं तब वह भी एक समान्य नागरिक बन जाती हैं और शाही परिवार में अपना दर्जा खो देंती हैं .
मंगलवार , 26अक्टूबर को राजकुमारी माको ने शादी होने के बाद एक “प्रेस-कांफ्रेंस दौड़ान बताया कि शाही शादी से जुड़े समान्य संस्कारों को उन्होंने छोड़ दिया है तथा दंपति ने यह भी बताया कि प्रेस कांफ्रेंस में किए जाने वाले सारे खर्चों का भुगतान वे स्वयं करेंगे.
कोमुरो को संबोधित करते हुए माको ने बताया कि “केई मेरे लिए अपूरणीय है,” उन्होंने कहा, “हमारे लिए, हमारे दिलों को संजोते हुए जीने के लिए शादी एक आवश्यक विकल्प है. “वहीं कोमुरो ने बताया कि “मैं माको से प्यार करता हूँ,” “मैं अपना एकमात्र जीवन उस व्यक्ति के साथ बिताना चाहता हूं जिसे मैं प्यार करता हूं”, उन्होंने उन लोगों से माफी मांगी जो उनके विवाह से असहमत थे और उनका समर्थन करने वालों को धन्यवाद भी दिया. आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “मैं आभारी हूं कि कठोर सार्वजनिक आलोचना के बावजूद, केई ने मुझसे शादी करने के लिए अपनी भावनाओं को जारी रखा. माको ने शाही परिवार की एक महिला सदस्य को दी जाने वाली लगभग $1.3मिलियन के पारंपरिक भुगतान को भी ठुकरा दिया,इस परंपरा को ठुकराने वाली माको पहली महिला बनी.
इंपीरियल हाउसहोल्ड एजेंसी के एक बयान द्वारा बताया गया है कि ‘अनुसार प्रेस कवरेज और सोशल मीडिया द्वारा अत्यधिक और लगातार हो रहे कवरेज के कारण सुश्री माको के मानसीक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ा है, वे अब अभिधातजन्य तनाव से पीड़ित हैं.
यह भी खबर है कि कोमुरो वकील की प्रैक्टिस अमेरिका मे ही हो रही है, और इसी कारण राजपाट छोड़ने के बाद माको के अपने पति के साथ अमेरिका जाने की उम्मीद जताई जा रही है, इस कदम के साथ उनकी तुलना ब्रिटिश रायल्स मेघन मार्कल और प्रिंस हैरी से की गई है, जो कि राजशाही छोड़ने वाली ही एक दंपति हैं.
जापान में हुए इस विवाह से कई सवाल भी सामने आ रहे हैं जैसे शाही परिवार के उत्तराधिकारी को लेकर आए संकट और इसकी वजह से वहां कि महिलाओं को अलग-थलग रखने वाले कानून की ओर आकर्षित करता है जिसमें महिलाओं की खुशी और उनकी स्वाधीनता वाली जिंदगी के चुनाव के अधिकार के बदले कुछ बलिदान भी देने पड़ते हैं. ‘कुछ लोगों ने नारे लगा कर यह भी सवाल उठाया कि अमेरिका जाने के बाद माको को दी जाने वाली सुरक्षा का खर्च कौन देगा?’
महिलाओं के पास सिंहासन के लिए कोई रास्ता नहीं है, और उन्हें शाही परिवार के बाहर शादी करने से रोक दिया जाता है, वहीं शाही परिवार की महिला तलाक लेने के बाद शाही परिवार में नहीं आ सकती, और उनके बच्चों को भी राज शासन का कोई अधिकार नहीं होगा. पुरुष इस प्रतिबंध के अधीन नहीं हैं.
सामान्य रूप से जापानी समाज में महिलाओं के खिलाफ उच्च स्तर के भेदभाव की विशेषता है, विश्व आर्थिक मंच ने इसे 156 देशों में से 120 में लैंगिक समानता के लिए रखा है, एक प्रमुख विकसित राष्ट्र के लिए सबसे खराब रैंकिंग.
पूर्व राजकुमारी एक प्रमाणित कला क्यूरेटर हैं, कला संग्रहालय और गैलरी अध्ययन में मास्टर डिग्री रखती हैं.
उन्होंने अपने भविष्य के बारे में सवालों के जवाब देने से इनकार कर दिया. पूर्व राजकुमारी ने कहा कि वह “शांति और सुकून से रहने” की आशा करती हैं.