उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को JNU के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद के पिता पर समाजवादी पार्टी के पक्ष के लिए एक साजिश रचने का आरोप लगाया है. उमर खालिद के पिता दिल्ली दंगों के मामले में भी आरोपी पाए गए थे.
समाजवादी पार्टी ने आदित्यनाथ की इस टिप्पणी पर कहा कि वे बस आने वाले चुनाव के लिए लोगों को बाँटने का प्रयास कर रहे हैं.
बीजेपी की सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन में संबोधन करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि विरोधी पक्ष किसी भी हद तक जा सकती है. उन्होंने यह भी कहा है कि उमर खालिद के पिता अभी हाल ही में किसी पार्टी से मिलने आए थे जिन्होंने कहा भारत तेरे टुकड़े होंगे.
आदित्यनाथ ने उमर खालिद के पिता के बारे में कहा कि उन्होंने यह दावा समाजवादी पार्टी के नेता से किया है कि वे पार्टी के लिए साजिश रच रहे हैं. मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि ऐसे लोग अगर सत्ता में आएंगे तो क्या होगा.
पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार खालिद पर पिछले साल पूर्वोत्तर दिल्ली में कथित तौर पर दंगे भड़काने के आरोप में आतंकवाद विरोधी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि वे खालिद के पिता और अखिलेश के बीच हुई मीटिंग से अवगत नहीं थे. उन्होंने यह भी कहा की समाजवादी पार्टी एक लोकतांत्रिक पार्टी है और कोई भी व्यक्ति व संगठन पार्टी से मिलने और समर्थन बढ़ाने के लिए आगे आ सकता है.
सीएम ने आरोप लगाया कि पिछली कांग्रेस, सपा या बसपा सरकारों ने जातिवाद के नाम पर सामाजिक ताने-बाने को तोड़ दिया और राज्य को दंगों की आग में झोंक दिया.
आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि ये पार्टियां अपने फायदे के लिए पहले राज्य को बहुत बार दांव पर लगाया और माफ़िया को गिरवी के तौर पर दे दिया था. मगर जबसे बीजेपी सत्ता में आयी है, यह दौर बदल गया है.
महामारी से “उचित तरीके से” लड़ने का दावा करते हुए, उन्होंने कहा कि अगर यह महामारी कांग्रेस की सरकार के दौरान आती, तो कल्पना करें कि क्या होता. लोग इटली भाग गए होते. अगर यह (प्रकोप) सपा सरकार के दौरान हुआ होता तो चाचा-भतीजे के बीच होड़ मच जाती कि गरीबों की परवाह किए बिना कौन कितना हड़पेगा और माफियाओं को ठेका कैसे देगा.