जीका वायरस- मच्छरों के काटने से 66 व्यक्ति संक्रमित

कोरोना वायरस ने पिछले दो सालो से पूरी दुनिया को अपने-अपने घरों में बंद रहने पर मजबूर किया था. इस वायरस से अरबों ने अपनी जान गंवाई थी.

इसी बीच कोविड -19 के अलावा कई तरह के वायरस और इनके वेरिएंट सामने आ रहे हैं. इन दिनों कोविड – 19 का डेलटा वेरिएंट भी काफ़ी चर्चा में है.

भारत में एक और वायरस, ‘जीका वायरस’ काफ़ी सक्रिय है , यह वायरस मच्छर के काटने से फैलता है. 8 जुलाई 2021को भारत में पहली बार जीका वायरस केरल राज्य के एक निवासी में पाया गया था.

23 अक्टूबर को कानपुर के भारतीय वायु सेना के वारंट अधिकारी में जीका वायरस का सकारात्मक परीक्षण (पॉजिटिव) सामने आया था. शुक्रवार को जिला मजिस्ट्रेट अय्यर का कहना है कि जिले मे 30और लोगों में जीका वायरस का संक्रमण पाया गया है. इसी बीच कुल संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 66 हो गई है. अधिकारियों के अनुसार इनमें 45 पुरूष और 21 महिलाएं शामिल हैं.

जब IAF स्टेशन हैंगर के परोसी क्षेत्रों में विभिन्न जेबों से नमूने एकत्र कर, परीक्षण के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ की प्रयोगशाला में भेजे गए तो इनमें 30 जीका वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की पुष्टि हुई.

इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए स्वास्थ्य दल लार्वा विरोधी छिड़काव और बुखार के रोगियों की पहचान करने, गंभीर रूप से बीमार लोगों और गर्भवती महिलाओं की जांच करने सहित स्वच्छता कार्य क्रम चला रहे हैं. जिला मजिस्ट्रेट अय्यर का कहना है कि “हम स्थानीय लोगों को जीका वायरस के मामलों में अचानक आई तेजी से घबराने की सलाह नहीं देते हैं.”

भारत वायुसेना स्टेशन के हैंगर की परिधि में संक्रमितों के तेजी से बढ़ने के बाद हाई अलर्ट जारी किया गया है. जीका वायरस रोग आमतौर पर हल्का होता है. बुखार, सिरदर्द , जोरो का दर्द, लाल आंखे व मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण होते हैं. इस वायरस में गंभीर बिमारी के लिए अस्पताल में भर्ती होना या मृत्यु के केस असामान्य होते हैं. वर्तमान में जीका वायरस का कोई टीका या उपचार उपलब्ध नहीं है.

इन दिनों बढ रहे वायरस की संखया और इनसे जुड़ी परेशानीयों से बचने के लिए हमें सावधानी और समझदारी से काम करना होगा.

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